News Delhi : बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वामी दीपंकर ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदू एकजुट होकर इन हमलों का विरोध करें। बांग्लादेश में लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं और कई मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, जो हिंदू समाज के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है। स्वामी दीपंकर ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री और नोबेल पुरस्कार विजेता शेख हसीना इस गंभीर समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो
स्वामी दीपंकर ने भारतीय नेताओं से अपील करते हुए कहा कि जबकि एक ओर भारत में सनातन धर्म के खिलाफ हमलों की चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे हमलों पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय लगातार खतरे में है, और वहां के सवा करोड़ हिंदू अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय सरकार और राजनेताओं से आग्रह किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों का विरोध यूएन (United Nations) में किया जाए, ताकि इस संकट को वैश्विक मंच पर उठाया जा सके और बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जा सके।
स्वामी दीपंकर ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को लगातार धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। वहां के कुछ हिस्सों में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, और इन मंदिरों को तोड़ा जा रहा है। उन्होंने बांग्लादेश सरकार से मांग की कि हिंदू मंदिरों और समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए और उन पर हो रहे हमलों को तुरंत रोका जाए।
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सामाजिक और राजनीतिक समरसता की है ज़रूरत
स्वामी दीपंकर ने हिंदू समाज के एकजुट होने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि ऐसे हमलों का सामना किया जा सके और हिंदू समाज की आवाज को मजबूती से उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह समय है कि दुनिया भर में हिंदू समुदाय अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए एकजुट हो और प्रभावी कदम उठाए।
स्वामी दीपंकर की अपील ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है, जिसे अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया जाना चाहिए।