UP ration card: उत्तर प्रदेश सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने और अपात्र लाभार्थियों को चिन्हित करने के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है। इससे उन लोगों की पहचान की जाएगी जो राशन का लाभ तो ले रहे हैं, लेकिन वे पात्र नहीं हैं। यह कदम सरकारी राशन केवल असली जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए उठाया गया है।
कानपुर जिले में राशन कार्ड धारकों से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है। जिला पूर्ति अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि यह प्रक्रिया राशन वितरण में सुधार के लिए की जा रही है। ई-केवाईसी के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ration card में दर्ज परिवार के सदस्य सही हैं और ये लोग वर्तमान में उपलब्ध हैं या नहीं। इस प्रक्रिया से यह भी पता चलेगा कि ration card में जिन लोगों के नाम हैं, वे वास्तव में राशन का हकदार हैं या नहीं।
ई-केवाईसी का उद्देश्य सरकार द्वारा दिए गए खाद्यान्न को केवल पात्र व्यक्तियों तक ही पहुंचाना है। राकेश कुमार ने बताया कि इस प्रणाली से उन लोगों की पहचान भी हो जाएगी जो राशन का लाभ लेने के बावजूद पात्रता के दायरे में नहीं आते। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया राशन कार्ड के सत्यापन में सहायक होगी और सुनिश्चित करेगी कि केवल असली जरूरतमंदों को राशन मिले।
अब तक, जिले में 22 लाख लोगों ने अपनी ई-केवाईसी पूरी की है, लेकिन 8 लाख राशन कार्ड धारकों ने इसे पूरा नहीं किया है। प्रशासन ने इन लोगों से जल्द से जल्द ई-केवाईसी कराने की अपील की है, क्योंकि जिन लोगों ने यह प्रक्रिया पूरी नहीं की, उन्हें राशन मिलने में कठिनाई हो सकती है। राकेश कुमार ने बताया कि फरवरी तक का समय है, उसके बाद जिनका ई-केवाईसी नहीं होगा, उनके खिलाफ जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।
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ई-केवाईसी करने के लिए आधार कार्ड और ration card नंबर जरूरी होगा। यह प्रक्रिया किसी भी कोटेदार के पास जाकर की जा सकती है। इसके अलावा, कोटेदारों को निर्देश दिया गया है कि वे ग्रामीण इलाकों में जाकर डोर-टू-डोर ई-केवाईसी करें, ताकि ग्रामीणों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
ई-केवाईसी के जरिए राशन वितरण प्रणाली को पारदर्शी और सटीक बनाया जाएगा, जिससे राशन का सही उपयोग सुनिश्चित हो सके।