Sanjay Nishad News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद का एक विवादित बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह पूरी तरह से अपनी बात पर कायम हैं। दरअसल, संजय निषाद ने कहा था कि यदि कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे, तो आत्मरक्षा करना अनिवार्य हो जाता है। उनके इस बयान पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मंत्री Sanjay Nishad ने साफ किया कि कार्यकर्ता किसी भी पार्टी की ताकत होते हैं और अगर उन्हें जबरन परेशान किया जाएगा, तो उन्हें आत्मरक्षा के लिए कदम उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संविधान ने आत्मरक्षा का अधिकार दिया है और अगर पुलिस या प्रशासन अन्याय करेगा, तो जनता को अपने बचाव का अधिकार है।
Sanjay Nishad ने अपने बयान को 7 जून 2016 के रेल रोको आंदोलन से जोड़ा। उस समय निषाद समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। आंदोलन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें निषाद समुदाय के कुछ लोगों की मौत हो गई थी। मंत्री ने आरोप लगाया कि उस समय सपा सरकार के इशारे पर पुलिस ने उनके कार्यकर्ताओं पर गोलियां चलाईं।
"यहां ऐसे ही नहीं पहुंचा हूं। सात दरोगा के हाथ पैर तुड़वाकर, उसे गड्ढे में फेंकवाकर, तब डॉक्टर संजय यहां पर आया है"
यूपी सरकार के मंत्री संजय निषाद जी यह सब बोल रहे हैं। आगे जरूरत के हिसाब से और भी कृत्य करने की बात कह रहे हैं। pic.twitter.com/VefDY21m1q
— Rajesh Sahu (@askrajeshsahu) March 19, 2025
उन्होंने कहा कि गांधी और अंबेडकर ने संविधान में आंदोलन करने का अधिकार दिया है। अगर आंदोलन नहीं होते तो देश को आजादी नहीं मिलती। उनका कहना है कि यदि प्रशासनिक अधिकारी अन्याय करेंगे, तो जनता को आत्मरक्षा का अधिकार मिलना चाहिए।
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संजय निषाद ने अपने बयान को लेकर स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी को भड़काना नहीं है, बल्कि आत्मरक्षा के अधिकार की बात करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और इसे लेकर कोई संकोच नहीं है।
विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर मंत्री पर कड़ा हमला बोला है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे उकसाने वाला और असंवैधानिक करार दिया है। वहीं, भाजपा के कई नेताओं ने इस विवाद पर चुप्पी साध रखी है।
मंत्री संजय निषाद का यह बयान उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए विवाद को जन्म दे चुका है। अब यह देखना होगा कि सरकार इस बयान पर क्या रुख अपनाती है और क्या कोई कार्रवाई की जाती है।