प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में अब तक कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालात की गंभीरता को देखते हुए अखाड़ों से बातचीत की और सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा करने के निर्देश दिए।
हादसे की शुरुआत: कैसे हुई भगदड़?
मंगलवार की रात संगम तट पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। अचानक, पुलिस द्वारा भीड़ को बैरिकेडिंग के पास रोकने के कारण अव्यवस्था फैल गई। भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हुई और भगदड़ की स्थिति बन गई। कुछ श्रद्धालु बैरिकेडिंग के ऊपर से कूदने लगे, जिससे भगदड़ और अधिक बढ़ गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ऑक्सीजन की कमी और भीड़ के दबाव के कारण कई लोगों का दम घुटने लगा। कुछ श्रद्धालु ज़मीन पर गिर पड़े और कुचले जाने से उनकी हालत गंभीर हो गई।
घायलों का इलाज और ग्रीन कॉरिडोर
घायलों को तुरंत महाकुंभ के केंद्रीय चिकित्सालय और अन्य नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गंभीर रूप से घायलों को एयर एंबुलेंस से उच्च चिकित्सा केंद्रों में शिफ्ट किया गया।
मरीजों को जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया, जिससे एंबुलेंस बिना किसी बाधा के अस्पताल तक पहुंच सकें। अधिकारियों ने रातभर हालात को नियंत्रित करने के प्रयास किए।
मुख्यमंत्री योगी की अखाड़ों से बातचीत
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत अखाड़ों के संतों से वार्ता की। उन्होंने अमृत स्नान को टालने की अपील की, जिसे संतों ने स्वीकार कर लिया। पहले श्री महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा को अमृत स्नान करना था, लेकिन भगदड़ के कारण यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई आपबीती
हादसे के प्रत्यक्षदर्शी श्रद्धालु त्रिभुवन ने बताया कि संगम तट पर पुलिस ने अचानक भीड़ को रोक दिया। इससे लोग भयभीत हो गए और भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा कि आठ से नौ लोगों के समूह में उनके पांच साथी लापता हो गए हैं।
कर्नाटक से आई एक महिला श्रद्धालु ने कहा, “हम संगम तट पर स्नान के लिए पहुंचे थे, लेकिन अचानक धक्का-मुक्की शुरू हो गई। मैंने देखा कि कई लोग ज़मीन पर गिर रहे थे और उन पर भीड़ दौड़ रही थी। यह बेहद भयावह दृश्य था।”
क्राउड मैनेजमेंट और प्रशासनिक फैसले
भगदड़ के बाद क्राउड डायवर्जन प्लान लागू कर दिया गया है। पुलिस ने प्रयागराज के बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों को सतर्क कर दिया है।
शहर के बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है।
10 से ज्यादा जिलाधिकारियों को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रामबाग रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
प्रशासन ने जौनपुर, मुंगराबादशाहपुर और अन्य शहरों से प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को रोक दिया है।
सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी
अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि भगदड़ की वास्तविक वजह क्या थी और लापरवाही कहां हुई।
महाकुंभ मेला प्रशासन पर सवाल
श्रद्धालु और प्रत्यक्षदर्शी महाकुंभ मेला प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के उचित उपाय नहीं किए, जिसके कारण यह भयावह हादसा हुआ।
मोर्चरी हाउस बंद
हादसे के बाद मोर्चरी हाउस को बंद कर दिया गया, जिससे मृतकों के परिजनों में आक्रोश देखा गया।
स्थिति नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता जरूरी
फिलहाल, पूरी प्रशासनिक टीम हालात को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय है। ADG जोन भानु भास्कर, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद, IG रेंज प्रेम गौतम, कमिश्नर विजय विश्वास पंत, और पुलिस कमिश्नर तरुण गाबा मौके पर मौजूद हैं और हालात पर नज़र बनाए हुए हैं।
Mahakumbh Mela Stampede: अखाड़े के साधु-संत नहीं करेंगे अमृत स्नान
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान पर्व से जुड़ी बड़ी खबर. संगम क्षेत्र में भगदड़ की घटना के बाद अमृत स्नान का कार्यक्रम रद्द. आज कोई भी अखाड़ा अमृत स्नान नहीं करेगा. अखाड़ों ने अपने जुलूस भी वापस शिविरों में बुला लिए हैं. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने दी जानकारी.
अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि संतों से शिविर में जाने की अपील करते। pic.twitter.com/7CkkXnyHaK
— Shivam Yadav (@Shivam28Y1) January 29, 2025
श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की अपील
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अत्यधिक सतर्कता बरतने की अपील की है।
- स्नान के लिए भीड़ से बचें और निर्धारित मार्गों का पालन करें।
- अफवाहों पर ध्यान न दें और सुरक्षा कर्मियों के निर्देशों का पालन करें।
- यदि किसी श्रद्धालु को कोई समस्या हो, तो हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत सूचना दें।महाकुंभ 2025 में हुई इस भगदड़ ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन हालात को काबू में करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भीड़ प्रबंधन में सुधार की सख्त जरूरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की समीक्षा की है और भविष्य में ऐसे हादसे न हों, इसके लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
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