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Wednesday, September 17, 2025
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UP में हथकरघा और वस्त्र उद्योग के लिए बड़ा निवेश, 22 लाख लोगों को रोजगार का अवसर

UP Textile Park: उत्तर प्रदेश में हथकरघा और वस्त्र उद्योग को नई दिशा देने के लिए योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिसे संत कबीर के नाम पर समर्पित किया जाएगा। योजना का उद्देश्य राज्य की पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उद्योग की समृद्ध धरोहर को बढ़ावा देना और लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, निवेश सारथी पोर्टल पर अब तक वस्त्र और परिधान क्षेत्र से जुड़े 659 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के लिए लगभग 1,642 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी और कुल निवेश अनुमानित 15,431 करोड़ रुपये है। इसके फलस्वरूप करीब 1,01,768 नए रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि निवेश प्रस्तावों के लिए जल्द से जल्द जमीन की पहचान की जाए और परियोजनाओं का क्रियान्वयन सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल या नोडल एजेंसी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए।

योजना के अंतर्गत UP के विभिन्न जिलों में कम से कम 50 एकड़ भूमि पर टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जाएंगे। इन पार्कों में प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) की स्थापना अनिवार्य होगी। इसके साथ ही बाटन, जिप, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी गैर-सहायक इकाइयों के विकास की भी व्यवस्था की जाएगी। सरकार पार्कों तक सड़क, बिजली और जलापूर्ति जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

UP में रोजगार की नई किरण, लाखों युवाओं के लिए खुलने वाले हैं अवसर

वैश्विक बाजार में वस्त्र और परिधान उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और 2030 तक इसका आकार 23 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। भारत में इस क्षेत्र की सालाना वृद्धि दर 8 प्रतिशत है और उत्तर प्रदेश इस बढ़ते बाजार में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य की पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की सही दिशा में पहचान कराने से न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नई पहचान मिल सकती है।

2023-24 में देश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का वस्त्र और परिधान का निर्यात हुआ, जो देश के कुल निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है। राज्य में इस क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 1.5 प्रतिशत है और करीब 22 लाख लोग इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। योजना के लागू होने पर रोजगार सृजन और कौशल विकास को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे UP के युवाओं को स्थायी और लाभकारी अवसर मिलेंगे।

 

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