Kanpur : इरफान (Irfan Solanki) के खिलाफ दर्ज आचार संहिता उल्लंघन (code of conduct violation case) मामले में 14 मार्च को सुनवाई होगी। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका पर फैसला होने के बाद ही कानपुर कोर्ट से फैसला आ सकेगा।
कानपुर में विधायक इरफान सोलंकी (Irfan Solanki News) के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन मामले में बुधवार को कोर्ट का फैसला नहीं आ सका। एमपीएमएलए लोअर कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट को आज फैसला सुनाना था, लेकिन इरफान के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। याचिका पर फैसला होने के बाद ही कानपुर कोर्ट से फैसला आ सकेगा।
विधानसभा चुनाव के दौरान वर्ष 2017 में ईदगाह कॉलोनी के पास चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए हैंडपंप लगाने के मामले में विधायक इरफान सोलंकी व बंटी सेंगर समेत चार सपाइयों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी। चारों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट आई थी।
मुकदमे में गवाही पूरी हो चुकी थी और एमपीएमएलए लोअर कोर्ट को फैसला सुनाना था, लेकिन इसी दौरान अभियोजन की ओर से एक नए गवाह को कोर्ट विटनेस के रूप में पेश करने की अनुमति मांगी गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ एमपीएमएलए सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की गई थी, लेकिन इसे भी सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
डीजीसी दिलीप अवस्थी ने बताया कि सेशन कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जब तक मुकदमे में याचिका पर हाईकोर्ट का फैसला नहीं आता, तब तक लोअर कोर्ट से फैसला न सुनने की मांग की गई है।
2017 में आचार संहिता का उल्लंघन
2017 में आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में इरफान के खिलाफ एक FIR लिखी गई थी। आरोप है कि बिना अनुमति ईदगाह में इरफान हैंडपंप लगवा रहे थे। इसके पीछे प्रचार के लिए बैनर भी लगा हुआ था। इस केस में अंतिम बहस पूरी होने के बाद एसीएमएम-3 कोर्ट से फैसले की तारीख 6 मार्च तय की थी, लेकिन अगली तारीख देनी पड़ी।
पुलिस कमिश्नर दफ्तर में सरेंडर करने के बाद इरफान को कानपुर जिला जेल में रखा गया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही दिसंबर-2022 में इरफान को महाराजगंज जेल शिफ्ट कर दिया गया था।
आगजनी मामले में भी 14 मार्च को फैसला
नवंबर-2022 में जाजमऊ में एक महिला के प्लॉट में कथित आगजनी के मामले में इरफान को दिसंबर 2022 में जेल भेजा गया था। फिलहाल इरफान महाराजगंज जेल में हैं। तगड़े कानूनी दांव-पेंचों के बाद बीते हफ्ते एमपी/एमएलए (एडीजे-11) कोर्ट में केस की अंतिम बहस हो गई। इस केस में फैसले के लिए 14 मार्च की तारीख तय की गई है।
फर्जी आधार कार्ड यात्रा में आरोप तय
फर्जी आधार कार्ड से हवाई यात्रा मामले में सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत 7 आरोपियों के खिलाफ एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक यादव ने आरोप तय कर दिए हैं। मुकदमे में 18 मार्च से गवाही शुरू हो जाएगी।
यह था पूरा मामला
जाजमऊ आगजनी मामले में FIR दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए इरफान ने दिल्ली से मुंबई तक की हवाई यात्रा की थी। जाजमऊ थाना प्रभारी अशोक कुमार दुबे ने ग्वालटोली थाने में 26 नवंबर 2022 को नौ आरोपियों इरफान सोलंकी, उनके साले अनवर मंसूरी व अख्तर मंसूरी, सपा नेता नूरी शौकत, उसके भाई अशरफ अली उर्फ शेखू नूरी, नूरी के मौसा इशरत अली व ड्राइवर अम्मार इलाही उर्फ अली के अलावा रिजवान सोलंकी और अली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसमें आरोप लगाया गया है कि इरफान को गिरफ्तारी से बचाने के लिए नूरी ने अपने अकाउंट से अशरफ अली के नाम से हवाई जहाज का टिकट निकाला।
Irfan Solanki ने खुद को अशरफ बताकर यात्रा की
अशरफ के नाम से इरफान का फर्जी आधार कार्ड बनवाया गया। नूरी ने अपने ड्राइवर के साथ मिलकर इरफान को दिल्ली एयरपोर्ट तक छोड़ा फिर इरफान खुद को अशरफ बताकर एयरपोर्ट में प्रवेश पा गया और 11 नवंबर 2022 को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मुंबई के छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक का सफर इंडिगो की फ्लाइट से किया।
स्कूटी व प्राइवेट टैक्सी से भागने में मदद की
अनवर व अख्तर ने स्कूटी व प्राइवेट टैक्सी से इरफान को भागने में मदद की। दिल्ली व मुंबई एयरपोर्ट के सीसीटीवी फुटेज में इरफान दिखाई दे रहे थे। एयरपोर्ट अथॉरिटी को भी धोखा दिया गया था। अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि रिजवान व अली को छोड़कर बाकी सात लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। महराजगंज जेल में बंद इरफान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई।
इन आरोपों में हो सकती उम्रकैद तक की सजा
सभी सात लोगों पर धोखाधड़ी, कूटरचना, षड्यंत्र व अपराध करके भागने वाले को शरण देने के मामले में आरोप तय किए गए हैं। इसमें दोषी पाए जाने पर कोर्ट अलग-अलग अपराध के हिसाब से तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुना सकती है।