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Tuesday, December 16, 2025
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समर्थकों की मुराद पूरी: योगी सरकार की मुहर, अब ‘कल्याण सिंह नगर’ से मिलेगी प्रशासन की नई सौगात!

Kalyan Singh Nagar: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की स्मृति को समर्पित एक नए जिले के गठन का प्रस्ताव योगी सरकार द्वारा सैद्धांतिक रूप से मंजूर कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, ‘कल्याण सिंह नगर’ नाम से यह नया जिला, राज्य का 76वां प्रशासनिक केंद्र होगा। यह अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा। हालांकि, प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और इसे केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता माना जा रहा है। सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, जिससे अंतिम पुष्टि का इंतजार है, लेकिन उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिया है कि दिवाली के बाद इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है।

यह कदम कल्याण सिंह की राजनीतिक विरासत को सम्मान देने और अलीगढ़-बुलंदशहर के ग्रामीण इलाकों में लंबे समय से लंबित क्षेत्रीय विकास की मांगों को पूरा करने का प्रयास है। इस नए जिले के गठन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे और विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

प्रस्तावित जिले की रूपरेखा में, बुलंदशहर की डिबाई तहसील, अलीगढ़ की अतरौली तहसील और गंगीरी कस्बे को शामिल किया जाएगा। यह क्षेत्र कल्याण सिंह की जन्मभूमि मढ़ौली (अतरौली) से सटा हुआ है। नया जिला लगभग 1,200 वर्ग किलोमीटर में फैलेगा और इसकी अनुमानित जनसंख्या 8 से 10 लाख होगी। राज्य सरकार ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों से सीमांकन, जनसंख्या, राजस्व, दूरी और स्थानीय निवासियों के मत सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जो अब राजस्व परिषद को सौंपी जा चुकी है।

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इस पहल की पृष्ठभूमि कल्याण सिंह (1933-2021) की विरासत से जुड़ी है, जो उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे थे। उनके निधन के बाद से ही उनके बेटे राजवीर सिंह और स्थानीय ‘जिला निर्माण संघर्ष समिति’ इस Kalyan Singh Nagar जिले के गठन की मांग कर रहे थे। अलीगढ़ और बुलंदशहर के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को जिला मुख्यालयों से लंबी दूरी और बुनियादी सुविधाओं (सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा) की कमी का सामना करना पड़ रहा था। स्थानीय निवासी इस कदम को ‘कल्याण बाबूजी की जन्मभूमि को सम्मान’ और ‘अलग प्रशासनिक केंद्र’ मिलने की उम्मीद के रूप में देख रहे हैं।

भाजपा नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे ‘चुनावी लाभ के लिए राजनीतिक स्टंट’ करार दिया है। योगी सरकार ने पिछली घोषणाओं में भी नए जिलों का गठन कर प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाया है।

हालांकि, अंतिम घोषणा से पहले कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनमें सीमांकन को अंतिम रूप देना और नए जिले में अस्पताल, कलेक्ट्रेट और पुलिस स्टेशन जैसी बुनियादी सुविधाओं के विकास की आवश्यकता शामिल है। आधिकारिक घोषणा की देरी के बावजूद, उपलब्ध सूत्रों से पता चलता है कि ‘कल्याण सिंह नगर’ का उदय जल्द ही उत्तर प्रदेश के मानचित्र पर 76वें Kalyan Singh Nagar जिले के रूप में होगा, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय विकास को नई गति देना है।

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