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Saturday, December 14, 2024
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Karwa Chauth 2024: जानें पूजा महत्व, शुभ मुहूर्त और चांद के निकलने का समय

करवा चौथ: प्यार, समर्पण और विश्वास का पर्व

karva chauth एक विशेष त्योहार है जो विवाहित महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्यार और विश्वास को मजबूत करता है। यह त्योहार समर्पण और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं और सूर्योदय से लेकर चांद के दर्शन तक पानी या भोजन ग्रहण नहीं करती हैं। जैसे ही चांद दिखता है, वे उसे देखकर व्रत खोलती हैं।

करवा चौथ की पूजन का शुभ मुहूर्त कितने बजे है? (Karwa Chauth 2024 Date Time Shubh Muhurat)

2024 में करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा। हर साल यह व्रत कार्तिक मास की चतुर्थी को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और करवा माता की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार, 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 बजे से चतुर्थी तिथि शुरू होगी और यह 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 20 अक्टूबर की शाम 5:40 से 7:02 तक रहेगा।

करवा चौथ पूजन विधि (Karwa Chauth Puja Vidhi In Hindi)

करवा चौथ व्रत की शुरुआत सुबह सूर्योदय से पहले “सरगी” खाकर होती है, जो सास द्वारा बहू को दी जाती है। शाम को महिलाएं करवा माता और शिव परिवार की पूजा करती हैं। इसके बाद व्रत कथा सुनी और सुनाई जाती है। जब रात को चंद्रमा निकलता है, तब महिलाएं चांद को अर्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करती हैं।

करवा चौथ की पूजा के लिए उत्तर या पूर्व दिशा में चौकी स्थापित करनी चाहिए। उस पर गंगाजल छिड़ककर लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाना चाहिए। करवा माता, शिव, पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय भगवान की मूर्तियां या चित्र स्थापित करने चाहिए। मिट्टी के करवे का इस्तेमाल करना अत्यंत शुभ माना जाता है, और करवे पर हल्दी-कुमकुम जरूर लगाना चाहिए और कलावा (धागा) बांधना चाहिए।

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इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए, जैसे महिलाओं को सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। साथ ही, किसी को सुहाग का सामान देने से बचना चाहिए और अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए। सफेद चीजों का दान करना और नुकीली चीजों का इस्तेमाल करना वर्जित माना जाता है। गुलाब के इत्र का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए, और पति को लाल रंग का रुमाल या कपड़ा उपहार में देना शुभ होता है। काले, ग्रे, नीले, सफेद और भूरे रंग के कपड़े पहनने से भी बचना चाहिए।

इस दिन गाय को हल्दी का तिलक लगाना चाहिए और गाय को स्पर्श करना शुभ माना जाता है। गाय को भीगे हुए चने की दाल का भोग लगाना चाहिए। दुर्गा चालीसा का पाठ करना और दुर्गा माता को श्रृंगार का सामान भेंट करना शुभ माना जाता है। तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना और चुनरी अर्पित करना चाहिए। गणेश जी के सामने पांच हल्दी की गांठें रखकर उनका 108 बार मंत्र जाप करना चाहिए।

करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के रिश्ते में मिठास और समर्पण का संदेश देता है। इस दिन की तैयारियों में मेहंदी लगाना, चूड़ियां पहनना और सोलह श्रृंगार करना महत्वपूर्ण होता है। माथे की बिंदी, हाथों की चूड़ियां, और पैरों की पायल सभी इस दिन को और खास बना देते हैं।

नीले नभ पर जिस तरह बिखरती है चांदनी, वैसे ही करवा चौथ का त्योहार लाए सबके जीवन में प्यार की रागनी। इस शुभ अवसर पर सभी विवाहित महिलाओं को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं!

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