All Party Meeting 2025: 8 मई 2025 को संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग, नई दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद किए गए सैन्य जवाब पर गहन चर्चा हुई। यह बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी साझा करना और भविष्य की रणनीति पर विपक्ष को विश्वास में लेना था।
पहलगाम हमला और सेना की जवाबी कार्रवाई
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी। इसके बाद 23 अप्रैल को केंद्र ने कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई और पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त निर्णय लिए, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल था।
25 अप्रैल को सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सीमापार आतंकी ठिकानों पर हमला कर 25 मिनट में उन्हें तबाह कर दिया। इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के अड्डे निशाना बने।
विपक्ष का समर्थन और सुझाव
All Party Meeting में सरकार ने सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ साझा कीं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष सरकार के साथ है और जो जानकारी दी गई, वह सार्वजनिक नहीं की जा सकती। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदमों की आवश्यकता जताई। डीएमके, टीएमसी और बीजद जैसे क्षेत्रीय दलों ने भी सरकार के रुख का समर्थन किया। हालांकि, कई नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की बैठक में अनुपस्थिति पर असंतोष जताया।
सुरक्षा में चूक और आगे की तैयारी
पहले 24 अप्रैल की बैठक में सरकार ने स्वीकार किया था कि बेसरन वैली को पर्यटकों के लिए खोलने की जानकारी सुरक्षा बलों को नहीं दी गई थी, जिससे आतंकी हमले की राह आसान हुई। अब केंद्र ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर आवश्यक बदलाव किए हैं।
इस All Party Meeting में सरकार और विपक्ष दोनों की एकजुटता देखने को मिली। विपक्ष के समर्थन से भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति में खड़ा हो सकता है। हालांकि राजनीतिक मतभेद अभी बाकी हैं, फिर भी यह बैठक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से सकारात्मक रही।